कोई तो समझाता तुम हकीकत हो या कोई ख्वाब मेरा,
तेरी ही खूबसूरती में हरपाल मदहोश रहता है दिल मेरा।
यूँ तो गुज़र जाती दूर है दूर से वो,खामोश आवाज हो तुम,
फिर मेरी इन ग़ज़लों में क्यूँ रहता है अक्सर आग़ाज़ तेरा।
रंगीन अल्फाज़ो में सफ़हे पर,माशूका सी उतर जाती तुम ,
शेरों में मेरे अब मिलता महज़, ये खूबसूरत ज़िक्र ही तेरा।
पता जो मिल गया तो, हम भी आ मिलते रूबरू तुमसे
उस हसीं शाम इस बैचेन दिल को रहता बस इंतज़ार तेरा।
राज़ जान लेते चाँद का टुकड़ा,ख्वाब हो या हकीकत तुम,
या कोई अधूरी सी ख्वाहिश, जो नींद में करे ज़िक्र यूँ तेरा।
Shashank मणि Yadava 'सनम'
17-Sep-2023 08:40 AM
हरपल होना चाहिए हरपाल की जगह
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
17-Sep-2023 08:39 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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Varsha_Upadhyay
16-Sep-2023 08:59 PM
Nice 👌
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